नासिक में एक कुसुमाग्रज प्रतिष्ठान है। इनकी एक योजना है - ग्रंथ तुमच्या दारी" (पुस्तक तेरे द्वारे)। अगर आप अपने घर के आसपास 35 पुस्तक प्रेमी सदस्य बना सकते हैं तो कुसुमाग्रज प्रतिष्ठान नासिक से आप को 400 मराठी किताबों से भरी एक संदूक दी जाएगी। यह संदूक आपके आंगन में 4 महीने रहेगी। आप अपने आस पास जो पुस्तक प्रेमी जुटायेंगे वे चार महीने तक इन पुस्तकों को आनंद लेंगे और फिर अगले 4 महीने के लिये यह संदूक अपनी अगली यात्रा पर निकल जायेगी और आपके पाठकों के लिये 400 नयी किताबों का उपहार ले कर एक नयी संदूक आपके द्वारे आयेगी। मात्र 4 महीने तक इन पुस्तकों और संदूक सम्हालने का काम इन 35 सदस्यों मे से किसी एक को करना होता है। अपनी मनचाही पुस्तकें भी आप सुझाव देकर संदूक में रखने के लिये कह सकते हैं।
"पुस्तक तुमच्या दारी" योजना के बारे में अधिक जानकारी आप कुसुमाग्रज प्रतिष्ठान की वेबसाइट से ले सकते
हैं। इसके अलावा संस्थान की और से साहित्य के विशिष्ठ सम्मान दिये जाते हैं, परीक्षाएं ली जाती हैं और संगीत की शिक्षा भी दी जाती है।
वेबसाइट http://www.kusumagraj.org/
ईमेल kusumagraj.p@gmail.com
फोन 0253- 2576125
(प्रसंगवश : मैंने अपने घर पर काम करने वाली बाई से पूछा कि क्या वह कुसुमाग्रज जी के बारे में जानती है तो उसने न केवल कुसुमाग्रज जी के बारे में गर्व से बताया बल्कि मराठी के दस और कवियों लेखकों के नाम गिना दिये।)
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