रविवार, 11 अगस्त 2019

जोडी पिको


जोडी पिको - आप कोरे पेज का संपादन नहीं कर सकते
लेखक जब कहते हैं कि नहीं लिखा जा रहा या राइटर्स ब्‍लॉक परेशान कर रहा है, मैं नहीं मानती कि ऐसी कोई चीज़ होती है। जरा सोचिये - जब आप कॉलेज में होते हैं और आपको इम्तिहान में पेपर लिखना होता है। आप बेशक परेशान होते हैं लेकिन ऐसा हमेशा होता है ना कि आप पेपर से एक रात पहले किसी न किसी तरह तैयारी कर ही लेते हैं। राइटर्स ब्‍लॉक और कुछ नहीं होता सिवाय इसके कि आपके पास बहुत सारा समय होता है। अगर आपके पास लिखने के लिए सीमित समय हो तो आप बैठ जाते हैं और लिखना शुरू कर देते हैं। हो सकता है, आप रोजाना बहुत अच्‍छा न लिख पायें लेकिन आपके पास हमेशा ये सुविधा रहती है कि खराब लिखे पेज का संपादक कर सकते हैं।
आप कोरे पेज का संपादन नहीं कर सकते। ये कहना है अड़तालीस वर्षीय अमेरिकी लेखिका जोडी पिको का। वे पिछले 23 वर्ष में 24 उपन्‍यास लिख चुकी हैं। हर नौ महीने में एक उपन्‍यास लिख लेती हैं। इन उपन्यासों की 35 देशों में 4 करोड़, जी हां चार करोड़ प्रतियां बिक चुकी हैं। उनके पिछले सात उपन्‍यास न्‍यू यॉर्क में सबसे ज्‍यादा बिकने वाले उपन्‍यास रहे हैं। कई फिल्‍में बनी हैं उनके उपन्यासों पर।
अपना सारा लेखन उन्‍होंने अपने तीन बच्‍चों को पूरा समय देते हुए किया है। उनकी आठवीं किताब के बाद उनके पति ने अपना सारा समय घर को दिया और जोडी ने लेखन को।
आम तौर पर वे छुट्टी के दिन नहीं लिखती। हां, एक उपन्‍यास के खत्‍म करते ही अगले दिन दूसरा उपन्‍यास शुरू कर देती हैं। बस, पहली ही लाइन शानदार होनी चाहिये। वे कई बार एक से ज्‍यादा किताबों पर भी काम कर रही होती हैं। एक की रिसर्च चल रही होती है जिसे वे बहुत अधिक महत्‍व और समय देती हैं, दूसरे की प्रूफ रीडिंग का काम चल रहा होता है और तीसरी किताब का खाका दिमाग में शेप ले रहा होता है। ठीक उसी तरह जैसे हमारे कम्प्यूटर स्‍क्रीन पर एक से ज्‍यादा फाइलें खुली होती हैं।
एक उपन्‍यास Between The Lines (2012) उन्‍होंने अपनी बेटी सामंता वान लीअर के साथ मिल कर लिखा है।
एक सवाल मुझे परेशान कर रहा है कि आखिर क्या जादू करती हैं जोडी अपने लेखन में कि उनके उपन्यासों की चार करोड़ प्रतियां बिकती हैं और हिंदी लेखक के उपन्‍यास की कुल 300 प्रतियां छपती हैं जिन्‍हें खपाने में प्रकाशक पाँच बरस लगा देता है।

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