सियालकोट (पंजाब) में जन्मे फ़ैज़ (13 फरवरी, 1911- 20 नवंबर 1984) अंग्रेज़ी और अरबी में पोस्ट ग्रेजुएट थे। फ़ैज़ ने दुनिया के बारे में बहुत कुछ ऐसी किताबों से जाना जो उनकी अलमारी में छुपा कर रखी जाती थीं। वे अरबी, फारसी, उर्दू तथा पंजाबी जानते थे। पंजाबी में लिखते भी थे। 1941 में उनकी पहली किताब नक्श ए फरियादी छपी थी। शायरी की उनकी आठ किताबें हैं।
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