सोमवार, 31 मार्च 2008

मेरे बचपन का शहर देहरादून

लिखो यहां वहां http://www.likhoyahanvahan.blogspot.com/ में आज पढ़ें मेरे बचपन का शहर देहरादून जो आज भी मेरी सांस सांस में बसता है.
बचपन तो सबका सांझा ही होता है और जब हमें दूसरों के बचपन के जरिये अपने बचपन में झांकने का मौका मिलता है तो हम कह उठते हैं- स्‍साला . . ये ही हम भी करते रहे हैं. . तो लीजिये एक झलक मेरे बचपन की..
सूरज प्रकाश

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