आज मैं तीन महीने और पन्द्रह दिन के बाद पुणे में अपनी नौकरी पर वापिस आ गया हूं. 10 दिसम्बर 2007 को दिल्ली में हुए सड़क हादसे की वजह से मैं बिस्तर पर था और कभी कभार पोस्ट पर आ पाता था.
इस पूरे अरसे के दौरान सभी ब्लागी मित्रों ने मेरे शीघ्र स्वस्थ होने के लिए अपनी शुभकामनाएं भेजीं और लगातार मेरा हाल पूछते रहे. मैं आप सब के प्रति आभारी हूं.
ये बेशक एक नया परिवार है लेकिन जिस तरह से बिल्कुल अनजान और अपरिचित मित्रों और पाठकों ने अपनी शुभकामनाएं भेजीं. उससे बहुत अच्छा लगा और ये विश्वास जगा कि प्रिंट मीडिया में हमने जो अपने पाठक खो दिये थे, ब्लागों की दुनिया उससे सौ गुना ज्यादा पाठक ले कर हमारे सामने है. सभी अपने और सभी आपसे संवाद करने के लिए तैयार
एक बार पुनः नमन.
हर सोमवार एक कहानी के साथ मेरे दूसरे ब्लाग soorajprakash.blogspot.com पर भी आपका स्वागत है.
सूरज प्रकाश
3 टिप्पणियां:
congratulations Suraj ji.
all the best.
regards.
नयी पोस्ट से आपका हाल मिल गया. घर पर अन्य सभी कैसे है.
सूरज भाई,
हाल तो मिलते ही रहते थे, संदेश भी मिला था. बहुत अछा लग रहा है आपको सक्रिय देखकर . कथाकार और सूरजप्रकाश को वातायन और रचनासमय में देखें.
चन्देल
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