अभी पढ़ता हूँ..वहां जाना भी है, काम आयेगी रिपोर्ट. :)
प्रिय सूरज भाई,क्या खूब संस्मरण है ! मुझ जैसे न पीनेवाले को भी आपका संस्मरण पढ़कर नशा आ गया. अपने दो परिचितों के पीने संबधी संस्मरण लिखने की प्रेरणा आपने दे दी. शीध्र ही अपने ब्लॉग ’रचना समय’ में उनपर लिखूंगा. चन्देल
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अभी पढ़ता हूँ..वहां जाना भी है, काम आयेगी रिपोर्ट. :)
प्रिय सूरज भाई,
क्या खूब संस्मरण है ! मुझ जैसे न पीनेवाले को भी आपका संस्मरण पढ़कर नशा आ गया. अपने दो परिचितों के पीने संबधी संस्मरण लिखने की प्रेरणा आपने दे दी. शीध्र ही अपने ब्लॉग ’रचना समय’ में उनपर लिखूंगा.
चन्देल
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