आंवला, जिला बरेली में जन्मे कुँवर अख़लाक मोहम्मद खाँ उर्फ शहरयार ( 6 जून 1936 - 13 फरवरी 2012) के वालिद पुलिस अफसर थे और अक्सर तबादलों पर रहते थे। शहरयार की शुरुआती पढ़ाई हरदोई में हुई। फिर वे अलीगढ़ चले आये। वहां अंग्रेजी मीडियम से पढ़े-लिखे शहरयार को उर्दू पढ़नी पढ़ी। स्कूली पढ़ाई पूरी करके यूनिवर्सिटी पहुँचे और फिर वहीं के हो रहे।
शहरयार कद-काठी से मज़बूत और सजीले थे। अच्छे खिलाड़ी और एथलीट भी थे। वालिद की इच्छा थी कि बेटे जी भी पुलिस अफसर बन जाएँ। इसके लिए उन्होंने भरपूर कोशिश की। लेकिन शहरयार के मन में कुछ और था। दरोगाई का फॉर्म ही जमा नहीं किया।
शहरयार कद-काठी से मज़बूत और सजीले थे। अच्छे खिलाड़ी और एथलीट भी थे। वालिद की इच्छा थी कि बेटे जी भी पुलिस अफसर बन जाएँ। इसके लिए उन्होंने भरपूर कोशिश की। लेकिन शहरयार के मन में कुछ और था। दरोगाई का फॉर्म ही जमा नहीं किया।
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