हिन्दी के प्रमुख व्यंग्य लेखक श्रीलाल शुक्ल (31 दिसम्बर 1925 - 28 अक्टूबर 2011) अवधी, अंग्रेज़ी, उर्दू, संस्कृत और हिन्दी जानते थे। वे 13-14 साल की उम्र में ही संस्कृत और हिंदी में कविता- कहानी लिखने लगे थे। संघर्ष करके वे पढ़े और प्रांतीय सिविल सेवा में अफ़सर बने और बाद में पदोन्नति पाकर आईएएस बने। अपनी सरकारी सेवा में मिले अनूठे और रोचक अनुभवों को उन्होंने अपनी रचनाओं के लिए कच्चे माल के रूप में उपयोग किया।
उनके 10 उपन्यास, 4 कहानी संग्रह, 9 व्यंग्य संग्रह, 2 निबंध पुस्तकें, 1 आलोचना पुस्तक आदि हैं।
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