शनिवार, 25 अक्टूबर 2008

उदंती.कॉम का स्‍वागत

हमारी एक मित्र हैं रत्‍ना वर्मा। रायपुर में रहती हैं और बरसों तक वहां इतवारी पत्रिका संभालती रही हैं। इधर वे एक बहुत ही शानदार पत्रिका ले कर हाजिर हुई हैं। नाम है उदंती.com।
आप निश्चित ही उदंती का मतलब भी पूछना चाहेंगे। मैंने भी पूछा था। उदंती दरअसल रायपुर के पास बहने वाली एक नदी का नाम है और इस नदी के तट पर इसी नाम का एक पक्षी विहार है।
36 पन्‍ने की इस पत्रिका की कई खासियतें हैं। पहली तो यही ही ये वेब पर udanti.com पर उपलब्‍ध होने के अलावा सचमुच की पत्रिका के रूप में प्रकाशित भी होती है। अब तक इसके तीन अंक आ चुके हैं। पत्रिका की दूसरी खूबी है इसका उत्‍तम कला पक्ष। शानदार आर्ट पेपर पर छपी पत्रिका का एक एक पन्‍ना जिन मेहनत और कलात्‍मक अभिरुचि से संजोया गया है, उसका बयान नहीं किया जा सकता।
तीसरा उल्‍लेखीय पक्ष इस पत्रिका का ये है कि इसमें लोककलाओं, कलाओं, लोक जीवन और संस्‍कृति को, चाहे वह छत्‍तीसगढ़ की हो या कहीं और की, खास तौर पर कलात्‍मक ढंग से सामने लाने की कोशिश की गयी है। रत्‍ना जी जल्‍द ही पत्रिका के सेंट्रल स्‍प्रेड पर ग़ज़लें, कविताएं, गीत और लघुकथाएं शुरू करने वाली हैं।
पत्रिका का ग्राहक बनने और रचनाएं भेजने के लिए पता है- udanti.com@gmail.com। आप रत्‍ना जी से इस पते पर भी सम्‍पर्क कर सकते हैं-
संपादक उदंती.com
माती'ज गैलरी जीवन बीमा मार्ग पंढरी, रायपुर
छत्‍तीसगझ़ 492004

सोमवार, 20 अक्टूबर 2008

इंदु शर्मा कथा सम्मान 2009 के लिए नामांकन

20 अक्तूबर 2008

इंदु शर्मा कथा सम्मान 2009 के लिए नामांकन

प्रिय मित्र
आप जानते ही हैं कि पिछले चौदह बरस के दौरान इंदु शर्मा कथा सम्मान ने अपनी चयन प्रव्रिᆬया, पारदर्शिता तथा समकालीन श्रेष्ठ साहित्य के प्रति अपनी आस्था और सम्मान भावना के कारण न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी ख्याति आर्जत की है। 1995 से 1999 तक मुंबई में इंदु शर्मा कथा सम्मान क्रमशः गीतांजलिश्री, धीरेन्द्र अस्थाना, अखिलेश, देवेन्द्र और मनोज रूपड़ा को दिये जाने के बाद से सम्मान कथा यूके के बैनर तले लंदन में सुश्री चित्रा मुद्गल, सर्वश्री संजीव, ज्ञान चतुर्वेदी, एस आर हरनोट, वी एन राय, प्रमोद कुमार तिवारी, असग़र वजाहत, महुआ माजी और नासिरा शर्मा को दिये गये।
पुरस्कार की चयन प्रक्रिया में औेर अधिक पारदर्शिता लाने की दृष्टि से हम हर वर्ष देश भर में हिन्दी के सभी वरिष्ठ और सम्मानित कथाकारों, संपादकों और प्रकाशकों आदि से अनुरोध करते आ रहे हैं कि वे पिछले तीन बरस में प्रकाशित अपनी पसंद की तीन पुस्तकों की अनुशंसा करें। इन्हीं अनुशंसाओं के आधार पर ही पिछले आठ बरस से ये सम्मान दिये जा रहे हैं।
आप जानते ही हैं कि इस सम्मान के अंतर्गत चयन किये गये रचनाकार को लंदन आने जाने का हवाई जहाज का टिकट, एयरपोर्ट टैक्स, वीजा शुल्क आदि दिये जाते हैं और लंदन में एक सप्ताह तक उनके घूमने और रहने की व्यवस्था की जाती है तथा एक भव्य समारोह में मुख्य अतिथि के हाथों शील्ड, सम्मान पत्र और श्रीफल आदि दिये जाते हैं। सम्मान कार्यक्रम आम तौर पर जून के आस पास होता है। यह मौसम लंदन के हिसाब से सबसे बढ़िया रहता है।
हम चाहते हैं कि इस पुरस्कार के लिए समकालीन श्रेष्ठ साहित्य की चयन प्रक्रिया में आप बराबर के सहभागी बनें। इधर के तीन बरसों (2006 से 2008) के दौरान प्रकाशित, चर्चित, प्रशंसित और आलोचकों और पाठकों द्वारा सराही गयी कहानी अथवा उपन्यास विधा की किन्हीं तीन ऐसी पुस्तकों के नाम सुझायें जो आपकी निगाह में पुरस्कार के योग्य ठहरती हों।
आपकी राय हमें पहली जनवरी 2009 तक मिल जाये तो हम आपके बहुत आभारी होंगे। वैसे तो हम आपके द्वारा सुझायी पुस्तकों के अलावा अपने स्वयं के अध्ययन के जरिये पुस्तकें खुद खरीदते हैं। कई बार कुछ महत्वपूर्ण पुस्तकें भी हमारी निगाह में आ नहीं पातीं या हमें मिल नहीं पातीं। यदि आपको लगे कि कोई खास किताब हम तक जरूर पहुंचे तो आप ऐसी पुस्तक के बारे में हमें बता सकते हैं या उसकी एक प्रति भिजवा सकते हैं। जरूरत की अन्य प्रतियां हम मूल्य दे कर मंगवा लेंगे।
त्यौेहारों की शुभकामनाओं सहित,
आपका ही

सूरज प्रकाश
कथा यूके के भारतीय प्रतिनिधि
09860094402