रविवार, 16 नवंबर 2008

मेरा उपन्‍यास सुनो . . ..

कुछ दिन पहले मैंने आपको बताया था कि मेरे मित्र और विख्‍यात ब्‍लागर रवि रतनामी जी ने अपने सदाबाहर ब्‍लाग http://rachanakar.blogspot.com/ पर मेरे उपन्‍यास देस बिराना को ई बुक के रूप में डाला है। वे मेरे द्वारा अनूदित चार्ली चैप्‍लिन की आत्‍म कथा और चार्ल्‍स डार्विन की आत्‍म कथा को पहले ही ई बुक्‍स के रूप में अपने पाठकों को भेंट कर चुके थे।

अब वे मेरे इसी उपन्‍यास देस बिराना की आडियो रिकार्डिंग पेश कर रहे हैं। रिकार्डिंग लगभग 10 घंटे की है। बाकी जानकारी आपको इस लिंक http://rachanakar.blogspot.com/2008/11/3.html पर मिल जायेगी।
सूरज प्रकाश

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