tag:blogger.com,1999:blog-3725913520567987009.post6222183119952623027..comments2023-06-29T06:50:03.413-07:00Comments on कथाकार: खब्बू दिवसकथाकारhttp://www.blogger.com/profile/05339019992752440339noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-3725913520567987009.post-62373729818564923532009-08-15T06:41:42.061-07:002009-08-15T06:41:42.061-07:00बढिया जानकारी के लिए दिली शुक्रिया। दरअसल मेरे पास...बढिया जानकारी के लिए दिली शुक्रिया। दरअसल मेरे पास एक अखबार से फोन आया कि क्या आप ऐसे किसी लेखक को जानते हैं जो खब्बू हो। सच में मुझे पहली बार लगा कि हम अपने लेखक मित्रों के बारे में इतना भी नहीं जानते। <br />काफी जगह फोन करने के बाद पता चला कि प्रसिद्ध कथाकार और 'शेष' के संपादक हसन जमाल खब्बू हैं। कवि शायर दिनेश सिंदल दोनों हाथों से लिख सकते हैं। युवा लेखक मिहिर पण्ड्या भी खब्बू हैं। <br />मेरे आफिस में एक महिला सहकर्मी खब्बू हैं। कुछ वक्त पहले उन्हें कंप्यूटर काम करने बिठा दिया गया। उनके लिए बड़ी परेशानी की बात थी। वजह यह कि काम डाटा फीड करने का और की बोर्ड पर अंक दांए हाथ पर होते हैं। वो बिचारी बहुत परेशान हुईं तो मैंने सिस्टम वालों से कहा कि लेफ्ट हैंडर्स वाला की बोर्ड ला दीजिए। पता चला कि भारत में ऐसे की बोर्ड आते ही नहीं हैं।<br />महात्मा गांधी खूब लिखते थे और लिखते लिखते थक जाते थे। इसलिए उन्होंने दोनों हाथों से लिखना शुरू कर दिया था। जब दोनो हाथ भी थकने लगे तो गांधी जी ने पैरों से लिखने की भी कोशिशें की थीं। <br />आपने सही कहा मां-बाप जबर्दस्ती बच्चे को खब्बू से सज्जू बनाने की कोशिश करते हैं, जिसकी वजह से बच्चे में दूसरी कमजोरियां आ जाती हैं। जिन्हें ऐसी यातना से नहीं गुजरना पड़ता वे सामान्य जीवन जीते हैं।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13562041392056023275noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3725913520567987009.post-62139520486083238692009-08-13T07:37:52.649-07:002009-08-13T07:37:52.649-07:00रोचक जानकारी के लिए आभार।रोचक जानकारी के लिए आभार।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3725913520567987009.post-33929988774960164192009-08-13T02:19:27.801-07:002009-08-13T02:19:27.801-07:00blog ki dunia sach mein sirf swant sukhay ke liye ...blog ki dunia sach mein sirf swant sukhay ke liye hai.isko zyada log nahin padhate. surajprakash jaise writer ko kucch serious lekhan karna chahiye. 8-10 comments kucch nahin hota aur na hasil hota hai. ummeed hai ki aap bura na maante huye jald hi badhiya see kahani likhenge.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3725913520567987009.post-60551615827099802902009-08-12T22:43:36.038-07:002009-08-12T22:43:36.038-07:00सूरज प्रकाश जी,
आपकी दी हुई जानकारी रोचक लगी. ब्ल...सूरज प्रकाश जी,<br /><br />आपकी दी हुई जानकारी रोचक लगी. ब्लोगिस्तान में मैं भी नया ही हूँ, लेकिन लगता है कि आप मुझसे पुराने हैं. 'अपने बारे में' आपने लिखा है कि लिखना इस ब्लोगिस्तान में आने से शुरू हो जाए. यकीन मानिए सिर्फ माध्यम अलग है, लेकिन खुद को अभिव्यक्त करने या यूं कहें कि 'स्वान्तः सुखाय' के लिए या एक सशक्त माध्यम है.वजूदhttps://www.blogger.com/profile/16837054003184246989noreply@blogger.com